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नवीन चौधरी का यह उपन्यास बीती सदी के अंतिम दशक की छात्र-राजनीति के दांव-पेंच और उन्हीं के बीच पलते और दम तोड़ते मोहब्बत के किस्सों को बहुत जीवंत ढंग से सामने लाता है. जनता स्टोर, जो होने को जयपुर की एक दुकान भी है और और नहीं होने को वह देश भी है, जिसमें स्टोर करने की क्षमता बहुत है, जनता नहीं है.
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product_type_Audiobook
mp3
Price
9,99 €
नवीन चौधरी का यह उपन्यास बीती सदी के अंतिम दशक की छात्र-राजनीति के दांव-पेंच और उन्हीं के बीच पलते और दम तोड़ते मोहब्बत के किस्सों को बहुत जीवंत ढंग से सामने लाता है. जनता स्टोर, जो होने को जयपुर की एक दुकान भी है और और नहीं होने को वह देश भी है, जिसमें स्टोर करने की क्षमता बहुत है, जनता नहीं है.
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